BA Semester-2 - History - History of Medival India 1206-1757 AD - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-2 - इतिहास - मध्यकालीन भारत का इतिहास 1206-1757 ई. - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 - इतिहास - मध्यकालीन भारत का इतिहास 1206-1757 ई.

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2720
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बीए सेमेस्टर-2 - इतिहास - मध्यकालीन भारत का इतिहास 1206-1757 ई.

अध्याय - 4 
लोदी वंश

दिल्ली सल्तनत के राजवंशों में लोदी वंश अन्तिम था। 1451 ई0 में बहलोल लोदी ने लोदी वंश के नाम से प्रथम अफ़गान राज्य की स्थापना की। लोदी राजवंश अफगानों की गिलजई कबीले की शाहूखेल शाखा से सम्बन्धित थे। लोदी वंश का शासन काल लगभग 75 वर्षों (1451 से 1526 ई0 तक) रहा। इस 75 वर्षीय शासन काल में तीन शासकों क्रमशः - बहलोल लोदी, सिकन्दर लोदी तथा इब्राहिम लोदी ने शासन किया। इस वंश के संस्थापक बहलोल लोदी (1451-89) ने लगभग 39 वर्षों तक शासन किया। उसके शासन काल की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना 1494 ई0 में जौनपुर के शर्की राज्य की विजय थी।

बहलोल लोदी का उत्तराधिकारी उसका पुत्र निजाम शाह था, जो सिकन्दर शाह (1489- 1517 ईo) की उपाधि धारण कर गद्दी पर बैठा। वह तीनों लोदी शासकों में सबसे अधिक योग्य था। उसने 1494-95 में दक्षिणी बिहार पर विजय प्राप्त की तथा बंगाल के शासक अलाउद्दीन हुसैन शाह के साथ मैत्री सन्धि की। 1504 ई0 में उसने आगरा नगर की स्थापना की तथा उसे अपनी राजधानी बनाया।

सिकन्दर की मृत्यु के बाद उसका ज्येष्ठ पुत्र इब्राहिम लोदी (1517-1526 ई० तक) सुल्तान बना, जो इस वंश का एवं दिल्ली सल्तनत का अन्तिम सुल्तान था। 1526 ई० में बाबर ने पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी को पराजित कर मार डाला। इसके साथ ही सल्तनत की सत्ता का अवसान हो गया तथा एक नवीन मुगल वंश की स्थापना हुई।

महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • लोदी वंश की स्थापना बहलोल लोदी ने 1451 ई0 में की थी।
  • बहलोल लोदी गाजी के नाम से सिंहासनारूढ़ हुआ।
  • लोदी अफगानों के गिलजई कबीले के शाहूखेल शाखा से सम्बन्धित थे।
  • लोदी वंश में कुल चार शासक हुए। जिन्होंने 75 वर्षों ( 1451-1526) तक शासन किया।
  • सर्वप्रथम लोदियों का महत्त्व सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद के काल में बढ़ा और उस समय अफगान भारी संख्या में सेना में भर्ती किये गये।
  • बलबन ने अफगानों का उपयोग मंगोल से लड़ने के लिए किया।
  • मो० तुगलक के काल में वे सामन्तों के रूप में पदासीन हुए।
  • फिरोज तुगलक के समय अफगान प्रान्तीय गवर्नरों के रूप में नियुक्त होनें लगे।
  • सैय्यदों के शासन काल में अफगानों को महत्त्वपूर्ण पद प्राप्त हुआ। यही कारण था कि सत्ता हस्तान्तरित के समय बहलोल लोदी का कोई विरोध नहीं हुआ।

बहलोल लोदी (1451-1489 ) :

  • बहलोल लोदी काला शाह का पुत्र था। बहलोल लोदी की माँ जब गर्भवती थी, उसी समय एक दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गयी परिणामतः शल्य क्रिया द्वारा उसके पुत्र को बचाया गया जो बहलोल लोदी के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
  • निजामी अफगानों से संघर्ष के दौरान पिता की मृत्यु हो गयी। इसलिए बहलोल का पालन-पोषण चाचा इस्लाम खाँ ने किया।
  • इस्लाम खाँ की मृत्यु के बाद सुल्तान मोहम्मद शाह ने बहलोल लोदी को सरहिन्द का सूबेदार बनाया।
  • महमूद खिलजी के आक्रमण के दौरान सहयोग से प्रभावित होकर सुल्तान मोहम्मद शाह ने बहलोल को पुत्र कहकर सम्बोधित किया तथा खान-ए-खाना की उपाधि प्रदान की।
  • सुल्तान अलाउद्दीन शाह वजीर से मतभेद के कारण जब दिल्ली छोड़कर, बदायूँ चला गया तो दिल्ली की जनता ने बहलोल को आमंत्रित कर गद्दी पर बैठाया।
  • 19 अप्रैल, 1451 ई० को बहलोल लोदी दिल्ली की गद्दी पर बैठा।
  • गद्दी पर बैठने के तत्काल बाद बहलोल लोदी ने वजीर हमीद खाँ की हत्या कर दी।
  • बहलोल लोदी ने अपना अधिकांश सैन्य अभियान विद्रोहों के दमन के लिए किया।
  • बहलोल लोदी की मुख्य सफलता 1484 ई0 में जौनपुर को विजित कर दिल्ली सल्तनत में सम्मिलित करने की थी।
  • उस समय जौनपुर का शर्की सुल्तान हुसैनशाह शर्की था।
  • बहलोल लोदी ने चन्दावर के निकट एक युद्ध में हुसैन शाह को पराजित कर जौनपुर पर -अधिकार कर लिया और उसे दिल्ली सल्तनत का अंग बना लिया। इस प्रकार जौनपुर का स्वतन्त्र अस्तित्व समाप्त हो गया।
  • बहलोल लोदी ने अपने पुत्र बारबाक शाह को जौनपुर का राज्यपाल बनाया।
  • बहलोल लोदी ने अपना अन्तिम सैन्य अभियान ग्वालियर के विरुद्ध किया क्योंकि यहाँ का राजा कीर्ति सिंह ( रामकरण) ने हुसैनशाह को शरण दिया था।
  • बहलोल लोदी दिल्ली सल्तनत के सुल्तानों में सर्वाधिक (38 वर्ष) समय तक शासन किया।
  • बहलोल लोदी का राजस्व सिद्धान्त तुर्की निरंकुशता के विरुद्ध अफगान सरदारों की समानता पर आधारित था।
  • उसने 1/4 टंके मूल्य के बराबर बहलोली नामक चाँदी का सिक्का प्रचलित करवाया जो अकबर के समय तक विनिमय का माध्यम बना रहा।
  • तारिखे दाउदी के लेखक अब्दुल्ला के अनुसार, "वह कभी सिंहासन पर नहीं बैठा था, जब अपने अपने सरदारों के साथ मिलता था।"

सिकन्दर लोदी (1489-1517 )

  • बहलोल लोदी ने सिकन्दर लोदी को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया जो उसके 9 पुत्रों में सबसे योग्य था।
  • सिकन्दर लोदी का मूल नाम निजाम था। उसकी माँ जैबन्द एक स्वर्णकार की पुत्री थी।
  • बहलोल लोदी की मृत्यु के बाद 16 जुलाई, 1489 ई० को निजाम खाँ सिकन्दर लोदी के नाम से सिंहासनारूढ़ हुआ।
  • तैमूर के आक्रमण के पश्चात् दिल्ली सल्तनत की सीमा में सर्वाधिक वृद्धि सिकन्दर लोदी के समय में ही हुई।
  • क राजस्थान के शासकों पर नियन्त्रण स्थापित करने के लिए सिकन्दर लोदी ने 1504 ई0 में आगरा नगर की स्थापना की और 1506 ई० में उसे अपनी राजधानी बनाया।
  • आगरा में ही उसने एक किले का निर्माण करवाया जो बादलगढ़ के किले के नाम से मशहूर था।
  • शासन में और सरदारों को नियन्त्रण में रखने में उसकी सफलता का मुख्य श्रेय उसके गुप्तचर विभाग को था।
  • राज्य के हिसाब-किताब की लेखा-परीक्षण प्रणाली की शुरुआत उसी के समय में हुई।
  • उसने खाद्यान्न करों को समाप्त कर दिया तथा व्यापार से प्रतिबन्धों को हटा दिया, ताकि लोगों की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिले।
  • सिकन्दर लोदी ने भूमि में गड़े हुए खजाने में कोई हिस्सा नहीं लिया।
  • भूमि की माप के लिए गज-ए-सिकन्दरी नामक प्रमाणिक माप प्रारम्भ किया जिसमें 39 खाने (लगभग 30 इंच) थे जो मुगल काल तक प्रचलित रही।
  • उसने मुहर्रम और ताजिया निकालना बन्द करवा दिया था।
  • मस्जिदों को सरकारी संस्थाओं का रूप प्रदान करके उसने शिक्षा का केन्द्र बनाने का प्रयत्न किया। सिकन्दर लोदी ने हिन्दुओं के धार्मिक संस्कारों पर प्रतिबन्ध लगा दिया तथा मन्दिरों एवं मूर्तियों को नष्ट करवाया।
  • उसने नमरकोट के ज्वालामुखी मन्दिर की मूर्ति तोड़कर उसके टुकड़े को माँस तौलने के लिए कसाइयों को दे दिया।
  • उसने बोधन नामक हिन्दू को इसलिए मृत्युदण्ड दे दिया था क्योंकि वह इस्लाम व हिन्दू दोनों धर्मों को सत्य बताया था।
  • सिकन्दर लोदी के संरक्षण में उसके वजीर मिया मुआ ने संस्कृत भाषा के औषधि शास्त्र के एक ग्रन्थ का तिब्बत - ए - सिकन्दरी या फरहंग-ए- सिकन्दरी के नाम से फारसी में अनुवाद किया। उसके समय में संगीत पर लज्जत-ए-सिकन्दरशाही नामक ग्रन्थ की रचना हुई जो भारतीय संगीत पर पहला फारसी ग्रन्थ है।
  • सिकन्दर लोदी के वजीर मियाँ मुआ द्वारा 1505 ई0 में दिल्ली में निर्मित मोठ की मस्जिद लोदी स्थापत्य कला का सर्वोत्तम नमूना है।
  • वह फारसी भाषा का ज्ञाता था तथा गुरुरुखी के उपनाम से फारसी भाषा में कविताएँ लिखता था। मुस्लिम शिक्षा में सुधार के लिए उसने तुलम्बा के दो प्रसिद्ध विद्वान शेख अब्दुल्ला तथा शेख असीमुल्ला को दिल्ली आमन्त्रित किया।
  • अपने व्यक्तित्व को सुन्दर बनाये रखने के कारण ही वह दाढ़ी नहीं रखता था।
  • गले की बीमारी के कारण 21 नवम्बर, 1517 ई० को सिकन्दर लोदी की मृत्यु हो गई।

इब्राहिम लोदी (1517-1526 ई0 ) :

  • सिकन्दर लोदी की मृत्यु के पश्चात् उसका ज्येष्ठ पुत्र इब्राहिम लोदी नवम्बर 1517 ई० को गद्दी पर बैठा।
  • वह लोदी वंश का एवं दिल्ली सल्तनत का अन्तिम सुल्तान था।
  • राज्य के विभाजन के फलस्वरूप छोटे भाई जलाल खाँ को जौनपुर की गद्दी सौंपी गई, लेकिन इब्राहिम लोदी ने जौनपुर पर भी कब्जा कर लिया।
  • 1517-18 ईo में इब्राहिम लोदी तथा राणा सांगा के बीच घटोली का युद्ध हुआ जिसमें लोदियों की हार हुई।
  • इब्राहिम लोदी के विरुद्ध बाबर को भारत पर आक्रमण करने के लिए दौलत खाँ लोंदी, तथा राणा सांगा ने आमन्त्रित किया था।
  • 21 अप्रैल, 1526 ई० को बाबर तथा इब्राहिम लोदी के मध्य पानीपत का प्रथम युद्ध हुआ, जिसमें इब्राहिम लोदी मारा गया।
  • इब्राहिम लोदी भारत का एक मात्र सुल्तान था जो युद्ध भूमि में मारा गया।

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    अनुक्रम

  1. अध्याय -1 तुर्क
  2. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  3. उत्तरमाला
  4. अध्याय - 2 खिलजी
  5. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  6. उत्तरमाला
  7. अध्याय - 3 तुगलक वंश
  8. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  9. उत्तरमाला
  10. अध्याय - 4 लोदी वंश
  11. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  12. उत्तरमाला
  13. अध्याय - 5 मुगल : बाबर, हूमायूँ, प्रशासन एवं भू-राजस्व व्यवस्था विशेष सन्दर्भ में शेरशाह का अन्तर्मन
  14. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  15. उत्तरमाला
  16. अध्याय - 6 अकबर से शाहजहाँ : मनसबदारी, राजपूत एवं महाराणा प्रताप के सम्बन्ध व धार्मिक नीति
  17. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  18. उत्तरमाला
  19. अध्याय - 7 औरंगजेब
  20. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  21. उत्तरमाला
  22. अध्याय - 8 शिवाजी के अधीन मराठाओं के उदय का संक्षिप्त परिचय
  23. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  24. उत्तरमाला
  25. अध्याय - 9 मुगलकाल में वास्तु एवं चित्रकला का विकास
  26. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  27. उत्तरमाला
  28. अध्याय - 10 भारत में सूफीवाद का विकास, भक्ति आन्दोलन एवं उत्तर भारत में सुदृढ़ीकरण
  29. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  30. उत्तरमाला

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